top of page
अन्वी

मास कम्युनिकेशन के बाद प्रिंट मीडिया में सात सालों तक काम किया. इसके बाद एफएम चैनल रेडियो धूम में चार साल धूम मचाया. यहां खुद का शो और प्रोडक्शन के दौरान ही यह ख्याल आया कि क्यों न बच्चों के लिए कहानियां लिखी जाए. कहानियांं लिखी भी, लेकिन ये कहानियां छोटे बच्चे खुद तो पढ़ नहीं सकते थे, पेरेंट्स उन्हें पढ़ कर सुनाते थे. इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए कि बच्चों को कहानियां सुनने के लिए इंतजार ना करना पड़े.
दरअसल, कहानियां बच्चों की इमेजिनेशन पावर को स्ट्रांग करती हैं, उनकी लिसनिंग कैपेसिटी बढ़ती है और वे ज्यादा क्रिएटिव सोच पाते हैं. पंचतंत्र की कहानियांं जहां देश के कल्चर और वैल्यूज से परिचित कराती है, तो दूसरी तरफ उनकी वर्बल प्रोफिसिएंसी भी बढ़ती है. इतना ही नहीं यह बच्चों की मैमोरी पावर बढ़ाने के साथ ही उनकी एकेडमिक पढ़ाई को भी आसान बनाने का काम करती है. कहानियां सुनने के और भी कई फायदे हैं, तभी तो अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि अगर आप अपने बच्चों को इंटेलिजेंट बनाना चाहते हैं तो उन्हें परियों की कहानी सुनाएं और अगर ज्यादा इंटेलिजेंट बनाना चाहते हैं तो और ज्यादा परियों की कहानियां सुनाएं.
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रख कर मैंने पहले बच्चों के लिए य्-ट्यूब चैनल बनाया और फिर फेसबुक पेज. पर ज्यादा से ज्यादा बच्चों के बीच पहुंचने की लालसा ने वेबसाइट बनाने के प्रेरित किया www.storywithanvi.com रूप में आपके सामने है. आप मुझसे इस ई-मेल आईडी पर संपर्क कर सकते हैं.
anvi@storywithanvi.com
bottom of page