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पिनोकीयो (Pinnocchio) की लंबी नाक 

बहुत समय पहले की बात है जेपेटो नाम का एक आदमी था। जेपेटो अकेले रहता था। उसके परिवार में और कोई नहीं था। इसलिए उसे तरह-तरह के खिलौने बनाना अच्छा लगता था। वो खूब तरह-तरह के खिलौने बनाता था। उनसे बाते भी करता था। तभी एक दिन जेपेटो ने लकड़ी का एक गुड्डा बनाया। जब वो गुड्डा बना रहा था, तभी जेपेटो ने अपने मन में सोचा काश ये गुड्डा सच में बोलने वाला होता तो इससे में खूब सारी बाते करता।

जेपेटो के मन की ये बात एक परी सुन लेती है। वो उसके पास आती है और जेपेटो से कहती है क्योंकि तुम बहुत नेक इंसान हो इसलिए मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ। फिर परी उस लकड़ी के गुड्डे को बोलने वाला गुड्डा बना देती है। जेपेटो बोलने वाले गुड्डे को देख कर बहुत खुश होता है और उसका नाम पिनोकीयो  रखता है। जेपेटो पिनोकीयो की अपने बेटे की तरह देखभाल करता है और उसे खूब प्यार भी करता है। जब कुछ दिन बीत जाते हैं तब जेपेटो पिनोकीयो को स्कूल में डालने के बारे में सोचता है। उसे लगता है कि बाकी बच्चों की तरह पिनोकीयो को भी पढ़ाई करने के लिए स्कूल जाना चाहिए। वो पिनोकीयो से पूछता है कि क्या वो स्कूल जाना चाहता है। पिनोकीयो खुश होकर हाँ बोल देता है। अब क्योंकि जेपेटो के पास इतना पैसा नहीं था कि वो पिनोकीयो को स्कूल भेज सके इसके लिए वो अपना एकलौता कोट बेच देता है। और उससे जो पैसा आता है उससे वो पिनोकीयो के स्कूल की फीस भर देता है। पिनोकीयो स्कूल जाना शुरू करता है। तभी जेपेटो उसको समझाता है कि स्कूल में कुछ गलत काम नहीं करना। मन लगा कर पढ़ाई करना। पिनोकीयो अपने पापा को हाँ बोल कर स्कूल के लिए निकलता है। रास्ते में उसे एक लोमड़ी मिलती है। लोमड़ी उसे कहती है पास ही एक पार्क है वहाँ खूब सारे झूले लगे हैं और खाने-पीने को भी बहुत कुछ है। मेरे पास एक टिकट है क्या तुम लेना चाहोगे। पिनोकीयो लोमड़ी से कहता है कि टिकट के लिए उसके पास पैसे नहीं है। लोमड़ी टिकट के बदले उसे अपनी किताब देने को कहती है। पिनोकीयो तैयार हो जाता है। फिर टिकट लेकर पार्क चला जाता है। वहाँ वो खूब देर तक खेलता रहता है। तभी उसको प्यास लगती है। जैसे ही पिनाकीयो पानी पीना शुरू करता है उसको अपना चेहरा पानी में दिखाई देता है। पिनोकीयो देखता है कि उसकी नाक अपने आप लंबी होती जा रही।

 

लंबी नाक देख पिनोकीयो जोर-जोर चिल्लाने लगता है। फिर वहाँ परी आती है और वो पिनोकीयो से कहती है तुमने अपने पापा से झूठ बोला इसलिए तुम्हारी नाक लंबी हो गई। परी की बात सुनकर पिनोकीयो उनसे माफी माँगता है और दोबारा ऐसा नहीं करने को कहता है। फिर परी उसकी नाक ठीक कर देती है। जब पिनोकीयो अपने घर पहुंचता है तब उसे पता चलता है कि उसके पापा को डॉल्फिन ने पकड़ लिया है। फिर पिनोकीयो भी डॉल्फिन के अंदर से अपने पापा को निकालने उसके अंदर चला जाता है। डॉल्फिन के पेट के अंदर पिनोकीयो को देख कर उसके पापा बहुत खुश होते हैं तभी पिनोकीयो को जोर की खांसी आती है। पिनोकीयो जैसे ही छींकता है डॉल्फिन डर जाती है और अपना मुहँ खोल देती है। इसके बाद जेपेटो और पिनोकीयो दोनों डॉल्फिन की पेट से बाहर निकल आते हैं। जेपेटो के लिए पिनोकीयो का प्यार देख कर परी बहुत खुश हो जाती है और अब वो उसे सच का एक लड़का बना देती है। इसके बाद दोनों एक दूसरे के साथ मिल-जुल कर खुशी-खुशी रहने लगते हैं।      

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