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इसलिए मिल्खा सिंह को कहा जाता था फ्लाइंग सिख

Milkha singh | Why milkha singh knows as flying sikh | Milkha singh life

रोम ओलंपिक की घटना में पदक पाने से Milkha Singh चूक गए। इस घटना के कारण जब मिल्खा सिंह को पाकिस्तान में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने का आमंत्रण मिला तो वह विशेष उत्साहित नहीं हुए। लेकिन उन्हें एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के साथ दौड़ने के लिए मनाया गया। उस वक्त पाकिस्तान का सर्वश्रेष्ठ धावक अब्दुल खादिक था जो अनेक एशियाई प्रतियोगिताओं में 200 मीटर की दौड़ जीत चुका था। ज्यों ही 200 मीटर की दौड़ शुरू हुई यूं लगा कि मानो मिल्खा सिंह दौड़ नहीं, उड़ रहें हों। उन्होंने अब्दुल खादिक को बहुत पीछे छोड़ दिया। लोग उनकी दौड़ को आश्चर्यचकित होकर देख रहे थे। तभी यह घोषणा की गई कि मिल्खा सिंह दौड़ने के स्थान पर उड़ रहे थे और मिल्खा सिंह को “फ़्लाइंग सिख” कहा जाने लगा। उस दौड़ के वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अय्यूब भी मौजूद थे। इस दौड़ में जीत के पश्चात मिल्खा सिंह को राष्ट्रपति से मिलने के लिए वीआईपी गैलरी में ले जाया गया। मिल्खा सिंह द्वारा जीती गई ट्राफियां, पदक, उनके जूते (जिन्हें पहन कर उन्होंने विश्व रिकार्ड तोड़ा था), ब्लेजर यूनीफार्म उन्होंने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बने राष्ट्रीय खेल संग्रहालय को दान में दे दिए थे।
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