Top Indian podcast for kids in Hindi
- पुष्पा शर्मा
- Aug 1, 2020
- 3 min read
Updated: Jul 16, 2022
बच्चे सबसे ज्यादा किसी से कनेक्ट होते हैं तो वह है जंगल में रहने वाले जानवर. अगर बच्चों को इन्हीं जानवरों के सहारे मजेदार कहानियां सुनाई जाएं जो इंटरटेनिंग होने के साथ ही हर कहानी में उनके लिए सीख दे, तो न केवल यह बच्चों को पसंद आएगी, बल्कि पेरेंट्स की भी कई प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन हो सकती है. स्टोरी विद अन्वी, स्टोरी फॉर कि़ड्स इन हिंदी में आपको 3 साल से 12 साल तक के बच्चों के लिए ऐसी ही कहानियां मिलेंगी.

ढोलकपुर जंगल की कहानियां
ढोलकरपुर जंगल का राजा है रुस्तम शेर, जो अपनी पत्नी रुपा शेरनी और दो बच्चों चीका और मीका के साथ रहता है. उस जंगल में गज्जू हाथी सबसे समझदार है, जो हमेशा वहां होने वाली समस्याओं का समाधान निकालता है. मोंटी बंदर बेहद शरारती है, जो हमेशा कुछ न कुछ शरारतें कर जानवरों को परेशान करता रहता है. चंपा लोमड़ी को परेशान करने में उसे बेहद मजा आता है, लेकिन चंपा लोमड़ी तो बड़े-बड़ों को मात दे देती है. उसी जंगल में है कूकू कोयल और ब्लैकी कौआ भी जो अन्वी की कहानियों के मजेदार पात्र हैं. इसके अलावा भी ढोलकरपुर जंगल में कई जानवर हैं. बच्चे जब ये कहानियां सुनते हैं तो वह खुद को ढोलकपुर जंगल की सतरंगी दुनिया में पाते हैं.
पेरेंट्स की समस्याओं का आसान सॉल्यूशन
अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों को कई बातें समझाना चाहते हैं, लेकिन डायरेक्ट समझाने से बच्चे समझते नहीं है. पेरेंट्स की यही शिकायत रहती है कि बच्चे सुनते नहीं हैं, लेकिन असल में बच्चों को समझाने के लिए उन्हीं की भाषा में बात करनी होती है. कहानियां इसका एक बेहतरीन माधय्म है. आप कोई बात कहानियों के माधय्म से बच्चों को बताएंगे तो वह उस कहानी की सीख को आसानी से समझ जाएंगे. अन्वी की कहानियां ओरिजनल हैं, जहां वो हर दिन होने वाली बच्चों की परेशानियों और उनके सवालों को ही कहानी का आधार बनाती हैं और उन्हीं की बातों को ढोलकपुर जंगल के जानवरों के माध्यम से सुनाती हैं और फिर उन्हीं से इसका सॉल्यूशन और सीख भी बताती हैं. इससे बच्चे को यह नहीं लगता कि उसे कोई सिखाने की कोशिश कर रहा है, बल्कि बच्चे अपने मन में उस कहानी और कहानी की सीख को गहरे से बिठा लेते हैं और हमेशा याद रखते हैं.
हर दिन एक कहानी सोने के पहले
स्टोरी विद अन्वी, स्टोरीज फॉर किड्स इन हिन्दी की फाउंडर अन्वी बताती हैं कि मेरी कहानियों का प्लॉट मेरे बच्चे ही देते हैं. वो मुझे अपने स्कूल की बातें बताती हैं, अपने मन की बात बताती हैं, स्कूल में टीचर्स और फ्रेंड्स के बारे में बताती हैं और खूब सारे सवाल भी पूछती हैं. मैं चाहती हूं कि जो बातें मैं अपने बच्चों को बता रही हूं, उन्हीं बातों को कहानी के रूप में सभी बच्चों को बताऊं. अन्वी कहती हैं कि बच्चे बहुत कोमल हृदय के होते हैं. उन्हें बहुत कोमलता के साथ ही डील करना होता है. आप अगर उन्हें सिर्फ इंस्ट्रक्शन देंगे और सोचेंगे कि वो आपकी बात हमेशा मान लेंगे, तो ऐसा नहीं होता. उनसे जुड़ना होता है, उनसे उनकी ही भाषा में बात करना होता है. उनसे दोस्ती करनी होती है, तभी वो आपकी बात सुनते और समझते हैं. मैं कोशिश करती हूं कि हर दिन उन्हें एक नई कहानी सुनाऊं और पेरेंट्स से यही कहती हूं कि हर दिन उन्हें यह कहानियां सोने के पहले सुनाएं. नींद अच्छी आएगी बच्चों को क्योंकि मेरी कहानियों में कहीं भी बैकग्राउंड म्यूजिक लाउड नहीं होता. बहुत आवाज नहीं होती, सिर्फ कहानियां होती है और बैकग्राउंड में सूदिंग म्यूजिक जो बच्चों को सुला देता है.
पॉडकास्ट सीरीज
स्टोरी विद अन्वी, स्टोरीज फॉर किड्स स्टोरी विद अन्वी का मेन पॉडकास्ट है. इसके अलावा रामायण फॉर किड्स, रिडल्स पॉडकास्ट, ऐसा क्यों, अकबर-बीरबल और राइम्स एंड टेबल्स पॉडकास्ट भी हैं. सभी पॉडकास्ट पर बच्चों को उनकी पसंद का फिल्टर कांटेंट मिलता है. स्क्रीन फ्री इंटरटेनमेंट के लिए स्टोरी विद अन्वी पॉडकास्ट सीरीज एर मस्ट लिशन पॉडकास्ट है, जिसे आपको मिस नहीं करना चाहिए. यह पॉडकास्ट www.storywithanvi.com सहित एप्पल पॉडकास्ट, स्पॉटीफाई, एंकर, गाना डॉट कॉम, ऑडिबल, अमेजॉन म्यूजिक, जियो सावन, अलेक्सा, सारेगामा कारवां चैनल नंबर 413 सहित दुनिया के तकरीबन हर बड़े पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.
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